अभी तक जोड़ों व घुटनो के दर्द को बढ़ती उम्र का संकेत माना जाता था , लेकिन आज की जीवनशैली और बहुत अधिक व्यस्त जीवन में यह कम उम्र क लोगो में भी देखने को मिल रहा है। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि क्या-क्या कारण है जो कम उम्र में जोड़ो के दर्द की समस्या उत्पन्न करते है(what is joints pain) और कुछ सरल उपाय अपना कर कैसे आप इनसे दूर रह सकते है।
इससे पहले हम जानेगे कि 20 से 25 के उम्र के लोगो में जोड़ो के दर्द की शुरुआत क्यों और कहाँ से होती है ?
आधुनिक जीवनशैली- आज 20 से 25 के उम्र के लोग बहुत ज्यादा शारीरिक गतिविधि में संलग्न रहते है। वो सुबह से शाम तक कई तरह कि शारीरिक गतिविधि करते है जिससे उनके शरीर में कई तरह के दर्द उत्पन्न होते रहते है।
एक ही जगह पर देर तक बैठना- आज कल कि युवा पीढ़ी अपने काम और अन्य जरूरी कार्यो के चलते एक ही जगह पर घंटो पे बैठ कर काम करती है जिससे शरीर के कई हिस्सों पे अनचाहा दबाव पड़ता है जो कि शारीरिक दर्द कि एक मुख्य वजह है।
मोटापा- अगर आप किसी भी तरह से शरीर के भार से परेशान है या आप मोटापे की समस्या से झूज रहे है तो आपको जोड़ो से सम्बंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है , क्योकि यदि आपके शरीर का भार ज्यादा है तो ये आपके जोड़ो पे दबाव डालते है जिससे घुटनो व जोड़ो क दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगती है।
पर्याप्त नींद न लेना- आज कल लोगो की आदत है की वो देर रात तक जागते है और अपने काम के चलते सुबह जल्दी उठ जाते है जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है जो अन्तःतः मांशपेशियों व जोड़ो क दर्द क रूप में उभर के आते है।
कम पानी पीना- आज कल की युवा पीढ़ी अपनी भाग-दौड़ भरी जिंदगी के कारण प्रयाप्त मात्रा में पानी नहीं पी पाते, जो शरीर के सही से काम करने के लिए जरूरी है।
जोड़ो और बदन के दर्द के क्या कारण हो सकते है ?
वैसे तो जोड़ो और बदन का दर्द अक्सर की अधिक उम्र के लोगो में देखने को मिलता है पर आज की आधुनिक और व्यस्त जीवनशैली के चलते यह अब कम उम्र के लोगो में भी देखने को मिल रहा है। कम उम्र के लोगो में जोड़ो और बदन के दर्द होने के कई कारण हो सकते है जैसे-
बैठने की स्थिति- लोग अक्सर ही अपने बैठने की स्थिति की ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते है जो की उनकी सबसे बड़ी गलती है। लोग अक्सर ही अपने काम के चलते या कुछ भी जरूरी काम करते समय अपनी बैठने की स्थिति की ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं देते है। लोग एक ही जगह पे घंटो तक बिना हिले बैठे रहते है, आज कल के नौजवान बच्चे अक्सर ही मोबाइल में गेम खलने के चक्कर में एक ही पोजीशन में घंटो गेम खेलते है जो की उनके शरीर में अनावश्यक दबाव डालते है जो की उनके शरीर और जोड़ो के दर्द का कारण बनता है।
वजन बढ़ना- आज कल की पीढ़ी के खान पान की बात करे तो अब इसमें किसी भी प्रकार का पोषण नहीं रह गया है। लोग आज कल हर वक़्त तला भुना, होटल का खाना, बहुत अधिक मीठे का सेवन और कई तरह के अनावश्यक चीज़ो का सेवन करते रहते है जिनमे किसी भी प्रकार का पोषण नहीं होता जिससे शरीर की आवशयक जरूरते पूरी नहीं हो पाती है जो शरीर क विभिन्न हिस्सों तथा जोड़ो के दर्द के रूप में सामने आता है।
धूम्रपान- यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह का धूम्रपान करता है या किसी भी तरह का नशा करता है तो उससे उसके शरीर की कार्य क्षमता और उसके कार्यप्रणाली पे बहुत बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा धूम्रपान से शरीर के अंदर कई तरह के कैंसर से जुड़े सेल्स बनने लगते है जो की उसके शरीर में कई तरह के दर्द व परेशानियों का कारण बन जाती है।
कंधे पर बोझ- यदि कोई व्यक्ति लगातर अपने कंधे पे घंटों तक लगातार किसी भी तरह का बोझ ( जैसे बैग को लटकाये रहना, कंधे पे बोझ लेकर चलना ) लेकर चलता है तो ये कंधे की स्थिति पे असर डालती है और वह रक्त के प्रवाह को कम कर देती है। अगर ज्यादा समय तक इसी स्थिति का पालन किया गया तो ये भविष्य में गंभीर कंधे से जुडी दिक्कते पैदा कर सकता है।
व्यायाम की कमी- आज कल के नौजवानो में देखा गया है उनके अंदर व्यायाम या शारीरिक गतिविधि की काफी कमी देखी गयी है। वो रात में देर तक जागते है और सुबह देर से उठते है जिससे उनके पास न तो सुबह की खुली व ताज़ी हवा में सांस लेने का मौका मिलता है न ही वो अपने शरीर पर किसी भी तरह का ध्यान दे पाते है जो कि उनके शरीर में विभिन्न हिस्सों में दर्द का कारण बनते है।
इसके अलावा कुछ और भी कारण है जो आपके शरीर व जोड़ो में दर्द पैदा कर सकते है जैसे –
- यदि आप अक्सर ही दरवाजा खोलते समय अपने हाथो कि बजाय अपनी उंगलुयों का प्रयोग करते है तो ऐसा लगातार करते रहने से ये आपके हाथो की मांशपेशियों पे अनावश्यक दबाव डालते है जो भविष्य में आपको हाथो से जुडी दिक्कतें दे सकता है।
- यदि आप जमीन पे कोई गिरी हुई चीज़ या कोई झुकने से जुड़ा काम करने के लिए पूरी तरह जमीन पे बैठकर वह कार्य करने के बजाय थोड़ा झुककर उसे करते है तो इससे आपकी पीठ पर दबाव डालते है जो आपकी पीठ से जुडी समस्यायें पैदा कर सकता है।
- आज कल के जीवन को देखते हुए हम यह तो कह सकते है कि तकनीक ने आधुनिक जीवन को सरल बना दिया है पर इसके अपने ही नुकसान है। यदि आप अपना कोई भी काम कुर्सी पे घंटो तक बिना कोई हरकत किये करते रहते है तो यह आपके शरीर के कई हिस्सों पर असर डालता है।
- क्योंकि इंसानो का शरीर कही पर भी सिर्फ बैठने के लिए नहीं बना है तो इसलिए इसमें हरकत करते रहना जरूरी है जो कि शरीर के सभी हिस्सों में पर्याप्त रक्त संचार के लिए जरूरी है और यदि हम ऐसा नहीं करते है तो यह शरीर से जुडी कई दिक्कतों के माध्यम से बाहर आता है।
- जैसा कि हमने बताया कि इंसानो का शरीर सिर्फ बैठने के लिए नहीं बना है तो इसलिए इसमें हरकत करते रहना जरूरी है। यदि आप अपने दिनचर्या में कोई भी शारीरिक कार्य नहीं करते है और सिर्फ बैठकर इधर उधर का भोजन करते रहते है तो इससे भी शरीर व जोड़ो में दर्द उत्पन्न होने लगता है।
Calcium और vitamin D का सेवन
कैल्शियम एक प्रकार का मिनिरल है जो बहुत से चीज़ो के अंदर पाया जाता है। मानव शरीर में सबसे ज्यादा कैल्शियम हड्डियों और दांतो में पाया जाता है। आज लोगो के बीच ये भ्रान्ति है कि कैल्शियम सिर्फ हड्डियों और दांतों के स्वास्थय के लिए ही जरूरी है, लेकिन ये पूरी तरह से सही नहीं है। कैल्शियम का प्रयोग शरीर के बहुत से अंदरूनी अंगो के उचित कार्यान्वन के लिए आवश्यक है।
कैल्शियम का प्रयोग मांशपेशियों के सही से कार्य करने, नसों कि समसस्या को दूर करने, ब्लड क्लॉट को बनने से रोकने, और संपूर्ण शारीरिक गतिविधि को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी बेहद जरूरी है।
वही विटामिन डी एक प्रकार का विटामिन है जो कि एक ऑयल सॉल्यूबल विटामिन की श्रेणी में आता है जिसका अर्थ है की यह पानी में घुलनशील नहीं है। आप यदि केवल कैल्शियम का सेवन ही कर रहे है तो यह आपके शरीर में फायदे से ज्यादा नुकसान भी पंहुचा सकता है
क्योकि कैल्शियम शरीर के द्वारा अवशोषित नहीं किया जा सकता है। कैल्शियम का अवशोषण शरीर में तभी होगा जब आप उसके अनुपात में विटामिन डी भी लेंगे। विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में सहायक है। विटामिन डी का प्रमुख स्रोत सूरज की रोशनी है। इसके अलावा कुछ फूड्स जैसे अंडे की जर्दी, फैटी फिश, फोर्टिफाई मिल्क में भी ये मौजूद होता है। यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
कैल्शियम और विटामिन डी कमी है… खाये ये फूड्स
आज कई तरह के खाद्य पदार्थ है जिनमे कैल्शियम पाया जाता है जैसे अनाज, दालें, सोयाबीन, तिल, हरी सब्जियां, रागी, चीज, टमाटर, बादाम , दूध व उससे बने खाद्य पदार्थ जैसे दही, पनीर, मट्ठा, संतरा, कीवी, आम, अनानास, आंवला, ब्रोकोली, अखरोट, पिस्ता, तरबूज के बीज, बादाम, बाजरा, गेहूं, रागी आदि कैल्शियम रिच फूड्स होते है।
विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए आप पर्याप्त मात्रा में सूरज की रौशनी ले, अंडो का सेवन करे, मछली का सेवन करे तथा पनीर का सेवन भी कर सकते है।
जोड़ो व घुटनो के दर्द के लक्षण
- चलते समय ,बैठते समय, कोई भी शारीरिक कार्य करते समय जोड़ो में दर्द होना
- जोड़ों में सूजन या उनका लाल हो जाना
- चलते समय जोड़ो का निष्क्रिय हो जाना
- जोड़ो में कड़ापन रहना
- घुटनो में टक्क-टक्क की आवाज़ आना
- शरीर में अकड़न रहना
- घुटनो व जोड़ो में दर्द बने रहना
जोड़ो में दर्द होने के अन्य कारण
- रूमेटाइड अर्थराइटिस
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
- घुटने का अर्थराइटिस
- जोड़ों का दर्द
- घुटने की चोट
- मांसपेशियों में बदलाव
- ऑस्टियोमायइलिटिस
- झटका लगना अथवा मोच
- घिसा हुआ लिगमेंट
- घिसा हुआ कार्टिलेज
- पानी की कमी
- बैठने का गलत तरीका
- फास्ट फूड का सेवन
- ट्रेडमील का अत्यधिक उपयोग करना
- नींद की कमी
- मोटापा
- फ्रेक्चर
- गाउट
क्या जोड़ो के दर्द को हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता है?
जैसे जैसे मनुष्य का जीवन आगे बढ़ता है और उसकी उम्र बढ़ने लगती है तो वह कई तरह समस्याओं से ग्रसित होने लगता है। आज हर 5 में 2 व्यक्ति शरीर की किसी न किसी समस्या से जरूर जूझ रहा है। इसके पीछे कही न कही हमारा आधुनिक जीवन या खान पान जिम्मेदार है।
हम सब न तो आज समय पर सोते है न ही समय पर उठते है न ही हम समय पर भोजन करते है और न ही उचित मात्रा में पोषण वाली चीज़े लेते है। हम सब घंटो तक एक जगह पर बैठे रहते है और न ही कोई अधिक शारीरिक गतिविधि करते है।
इन सभी का असर कही न कही हमारे शरीर पर पड़ता है जैसे कंधे का दर्द, कमर का दर्द, घुटनो का दर्द, जोड़ो का दर्द, मांशपेशियों का दर्द और भी कई तरह के शारीरिक दर्द हमारी आधुनिक जीवनशैली का ही परिणाम है।
अब एक मुख्य सवाल यह उठता है की क्या जोड़ो व शरीर के दर्द को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। यदि हम कुछ आसान व सरल उपायों को अपने जीवन में अपना ले तो हम इससे निजात पा सकते है।
इन उपायों को अपनाकर आप जोड़ो व घुटनो के दर्द से निजात पा सकते है
वजन को नियंत्रण में रखना- यदि आप अपने वजन को एक सीमा तक नियंत्रण में रखते है और उसको बढ़ने से रोकते है तो यह आपकी जोड़ो से जुडी समस्या को काफी हद्द तक निजां पा सकते है।
यदि आपका वजन बढ़ने लगता है तो यह शरीर के बाकी अंगो पे दबाव डालती है जिससे उन अंगो की कार्यक्षमता पे असर डालती है जिसके चलते आपको जोड़ो से जुडी समस्या उत्पन्न होने लगती है।
सही आसान में बैठना- हम सब आज अपने काम के चलते एक ही जगह पे घंटो तक बिना हिले बैठे रहते है वो भी अपनी रीढ़ को बिना सीधे किये जिसका असर कमर व अन्य हिस्सों के दर्द पे रूप में बाहर आता है। अगर हम हमेशा अपने पोस्चर का ध्यान रखते है और सही स्थिति में बैठते है तो हम जोड़ो व अन्य शारीरिक दर्द से छुटकारा पा सकते है।
गतिशील रहना – मानव शरीर की संरचना ऐसी है कि वो कही पर भी एक ही जगह और एक ही स्थिति में ज्यादा देर तक नहीं बैठ व रह सकता है। मानव शरीर कि कुशल कार्यप्रणाली के लिए उसका गतिशील बने रहना बहुत आवश्यक है। इसलिए हमें कही भी एक जगह पैर ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में नहीं बैठे रहना चाहिए।
व्यायाम करना- हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में कोई न कोई व्ययाम जरूर करना चाहिए क्योकि शरीर के सभी अंगो में सही से रक्त प्रवाह के लये उनका गतिशील होना जरूरी है।
बनाये जंक फ़ूड से दूरी- बाहर का खाना , फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड में किसी भी प्रकार का पोषण नहीं होता है और जब हम इनका लगातार सेवन करते रहते है तो ये हमारे शरीर में अनावश्यक फैट का जमाव करने लगते है जो शरीर में कई तरह कि समस्या पैदा करते है।
जोड़ो की सुरक्षा- यदि हमें अपने जोड़ो को स्वस्थ्य रखना है तो हमें हमें उसकी सुरक्षा करनी चाहिए। हमें वो सभी कार्य करने चाहिए जिससे हमारे जोड़ो पे बिलकुल भी असर या दबाव न पड़े, साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि हम अपने जोड़ो को स्वस्थ रखने के लिए समय समय पर सप्लीमेंट्स भी लेने होंगे जिससे जोड़ो और मांसपेशियों पर कोई असर न पड़े।