यूटीआई (UTI) – मूत्र पथ संक्रमण क्या है ?
भारत में मूत्र पथ संक्रमण यूटीआई (UTI) एक आम समस्या है, जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है। UTI बैक्टीरिया के कारण होता है जो urinary tract में प्रवेश करते हैं और बढ़ते हैं, जिससे सूजन, संक्रमण और दर्द होता है। urinary tract में kidney, ureter, urinary bladder और urethra शामिल होते है। UTI urinary tract के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन वे urinary bladder और urethra में सबसे आम हैं।
भारत में UTI की व्यापकता
भारत में UTI का प्रचलन बहुत अधिक है, हर साल UTI के अनुमानित 100 मिलियन मामले सामने आते हैं। UTI पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है, UTI के लगभग 80% मामले महिलाओं में होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाओं का urethra छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया के लिए urinary bladder तक पहुंचना आसान हो जाता है।
UTI बच्चों, विशेषकर लड़कियों में भी अधिक आम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बच्चों में अभी तक पूरी तरह से developed immune system विकसित नहीं होता है। बुजुर्ग लोगों में भी UTI का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि उनके urethra की मांसपेशियां उतनी मजबूत नहीं होती हैं और उनकी immunity भी उतनी प्रभावी नहीं होती है।
यूटीआई (UTI) के लिए जोखिम कारक
ऐसे कई कारक हैं जो यूटीआई (UTI) विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आयु: महिलाओं में पुरुषों की तुलना में UTI विकसित होने की अधिक संभावना होती है, खासकर उनके प्रजनन वर्षों के दौरान। ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाओं का urethra छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया के लिए शरीर के बाहर से bladder तक पहुंचना आसान हो जाता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में UTI विकसित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गर्भावस्था के हार्मोन bladder को संक्रमण के प्रति ज्यादा sensitive बना सकते हैं।
- मधुमेह: मधुमेह से पीड़ित लोगों में UTI विकसित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मधुमेह bladder को control करने वाली नसों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे bladder को पूरी तरह से खाली करना अधिक कठिन हो जाता है।
- मूत्र पथ में रुकावट: मूत्र पथ में रुकावट, जैसे कि गुर्दे की पथरी, UTI के खतरे को बढ़ा सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रुकावट यूरिन को सही से बहने से रोक सकती है, जिससे ऐसी स्थिति बन जाती है जो बैक्टीरिया की वृद्धि हो सके।
- इम्यूनोसप्रेशन: जिन लोगों की प्रतिरक्षा कमजोर होती है, जैसे कि एचआईवी/एड्स या l;lकैंसर से पीड़ित लोगों में UTI विकसित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से प्रभावी ढंग से लड़ने में सक्षम नहीं है।
यूटीआई (UTI) के लक्षण
यूटीआई (UTI) के लक्षण संक्रमण की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हालाँकि, भारत में UTI के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल है
- यूरिन करते समय दर्द होना: यह UTI का सबसे आम लक्षण है। दर्द तेज़, जलन या चुभने वाला हो सकता है।
- बार-बार यूरिन आना: आपको सामान्य से अधिक बार पेशाब करने की इच्छा महसूस हो सकती है, भले ही आप थोड़ी मात्रा में ही पेशाब करें।
- यूरिन करने की तत्काल आवश्यकता: आपको पेशाब करने की तत्काल आवश्यकता महसूस हो सकती है, भले ही आपका मूत्राशय भरा न हो।
- यूरिन में रक्त: आपको अपने यूरिन में रक्त दिखाई दे सकता है, जो लाल, गुलाबी या भूरा हो सकता है।
- बादलयुक्त या दुर्गंधयुक्त यूरिन: आपका यूरिन धुंधला दिखाई दे सकता है या उसमें तेज गंध हो सकती है।
- पीठ दर्द: आपको पीठ के निचले हिस्से या बाजू में दर्द का अनुभव हो सकता है।
- बुखार: आपको बुखार हो सकता है, खासकर अगर संक्रमण किडनी तक फैल गया हो।
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है। UTI का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से आसानी से किया जा सकता है, लेकिन अगर इनका इलाज नहीं किया जाता है, तो ये गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकते हैं।
यूटीआई (UTI) का निदान
भारत में UTI का निदान आमतौर पर लक्षणों और शारीरिक परीक्षण के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर बैक्टीरिया की जांच के लिए यूरिन टेस्ट के लिए भी कह सकता हैं। यदि मूत्र परीक्षण बैक्टीरिया के लिए पॉजिटिव है, तो डॉक्टर संक्रमण का इलाज करने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स या दूसरे सप्लीमेंट लेने को कह सकते है।
भारत में यूटीआई (UTI) का उपचार
UTI का इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। एंटीबायोटिक का प्रकार और उपचार की अवधि संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करेगी। अधिकांश UTI का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के एक छोटे कोर्स से किया जा सकता है, लेकिन कुछ संक्रमणों के लिए लंबे समय तक इलाज की आवश्यकता हो सकती है।
एंटीबायोटिक दवाओं के अलावा, डॉक्टर पानी और क्रैनबेरी जूस जैसे बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की भी सलाह दे सकते हैं। क्रैनबेरी जूस बैक्टीरिया को मूत्र पथ की दीवारों पर चिपकने से रोकने में मदद कर सकता है। डॉक्टर UTI के दर्द और परेशानी से राहत के लिए ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं लेने की भी सलाह दे सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप क्रैनबेरी जूस का सेवन नहीं कर पा रहे है तो आप क्रैनबेरी के सप्लीमेंट्स का सेवन भी कर सकते है, जो आपकी यूटीआई की समस्या को दूर करने के साथ आपकी यूरिनरी ट्रैक्ट और किडनी की हेल्थ को भी इम्प्रूव करता है।
UTI के लक्षण संक्रमण की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेशाब में दर्द या जलन होनाजल्दी पेशाब आना
- पेशाब करने की तत्काल आवश्यकता
- पेशाब में खून आना
- बादलयुक्त या दुर्गंधयुक्त मूत्र
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- बुखार
- ठंड लगना
हालाँकि, अधिकांश UTI का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के कोर्स से किया जा सकता है। निर्धारित एंटीबायोटिक का प्रकार उस बैक्टीरिया के प्रकार पर निर्भर करेगा जो संक्रमण का कारण बन रहा है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ सरल सुझावों का पालन करके UTI को रोका जा सकता है, जैसे:
- खूब सारे तरल पदार्थ पीना
- अपने मूत्राशय को नियमित रूप से खाली करना
- शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथ अच्छी तरह धोएं
- मधुमेह जैसी किसी भी अंतर्निहित चिकित्सीय स्थिति का इलाज करना
इन उपायों को अपनाकर, आप UTI के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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- यूटीआई के लक्षणों को ठीक करने में मदद करता है।
- यूरिनरी ट्रैक्ट के स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है।
- यूरिनरी ब्लैडर के अंदर सूक्ष्म बैक्टीरिया कम करता है।
- यूरिन करते समय दर्द और परेशानी को कम करता है।
- यूटीआई के परिणामस्वरूप होने वाली बीमारी को रोकता है।